
2025 की शुरुआत वर्ष के सबसे बेहतरीन उल्कापात से होने जा रही है। 27 दिसंबर से शुरू हुआ क्वाड्रंटिड्स उल्कापात 4 जनवरी की सुबह अपने चरम पर होगा। इस दौरान 80 से 120 उल्काएं तक प्रति घंटे नजर आएंगी।
नववर्ष 2025 की शुरुआत वर्ष के सबसे बेहतरीन उल्कापात से होने जा रही है। 27 दिसंबर से शुरू हुआ क्वाड्रंटिड्स उल्कापात 4 जनवरी की सुबह अपने चरम पर होगा। इस दौरान 80 से 120 उल्काएं तक प्रति घंटे नजर आएंगी।
क्वाड्रंटिड्स को हर साल होने वाली सर्वश्रेष्ठ उल्का वर्षा में से एक माना जाता है। यह उल्कापात चंद घंटे ही नजर आएगा लेकिन उल्काओं की रोशनी बहुत ज्यादा चमक और आकर्षक रंगों वाली होगी। जब भी कोई ग्रह किसी धूमकेतु या क्षुद्रग्रह द्वारा छोड़े गए मलबे से गुजरता है तो उल्कापात होता है।
आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान, एरीज, से जुड़े रहे खगोल विज्ञानी शशि भूषण पांडे ने बताया कि अधिकांश उल्कापात धूमकेतुओं से उत्पन्न होते हैं लेकिन यह उल्कापात 2003 ईएच1 नामक क्षुद्रग्रह से आता है।
21 जनवरी से होगी सात ग्रहों की परेड
इसी माह 21 जनवरी को सौर मंडल के नौ में से सात ग्रह एक सीधी रेखा में आ जाएंगे और उसके बाद लगभग चार सप्ताह तक सीधी रेखा में ही नजर आते रहेंगे। ग्रहों के इस संरेखण को देखने का सबसे अच्छा समय सूर्यास्त के तुरंत बाद का होगा। इस दौरान शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, नेपच्यून, यूरेनस और बुध एक सीध में होंगे। इनमें मंगल, शुक्र, बृहस्पति और शनि को नग्न आंखों से जबकि यूरेनस और नेपच्यून को दूरबीन की सहायता से देखा जा सकेगा। यह संरेखण ग्रहों के बीच के गुरुत्वाकर्षण संबंध के अध्ययन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।