उत्तराखंड

नौकरी का झांसा देकर 23 लाख ठगने वाले दो साइबर ठग गिरफ्तार

देश विदेश की नामी कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर 23 लाख रुपये की ठगी के मामले में साइबर थाना पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके साथ चार आरोपियों को जांच में सहयोग का नोटिस जारी किया गया है। ठगी के इस प्रकरण में साइबर थाना पुलिस कुल छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि, छह आरोपियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। ठगी की रकम को आरोपियों ने क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से चीन, दुबई और पाकिस्तान में ट्रांसफर किया है।

एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि मोहब्बेवाला निवासी एक युवक ने गत जून महीने में साइबर थाना पुलिस को शिकायत की थी। बताया था कि उन्हें एक कॉल व्हाट्सएप के माध्यम से आई थी। कॉल करने वाले ने बताया था कि उनका बॉयोडेटा उन्हें एक प्रतिष्ठित वेबसाइट से मिला है। उसने इंटरव्यू के रजिस्ट्रेशन के लिए 15 हजार रुपये मांगे। युवक ने यह रकम जमा कर दी। इसके बाद स्काइप के माध्यम से उनका अमेरिका की प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी के नाम पर इंटरव्यू भी कराया। आइलेट्स परीक्षा के लिए भी उनसे दो लाख रुपये जमा कराए गए। इसके बाद कई और नामी कंपनियों में नौकरी दिलाने के लिए यही प्रक्रिया अपनाई और कई बार में उनसे 22.96 लाख रुपये जमा करा लिए। इस पूरे मामले की जांच सीओ साइबर अंकुश मिश्रा की टीम कर रही थी।

जांच के दौरान कई कंपनियों और सेवा प्रदाता वेबसाइट आदि से पत्राचार किया गया। डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर मुख्य आरोपियों अलमास आजम, अनस आजम और सचिन को पिछले दिनों जनकपुरी मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि, उनके तीन साथियों को जांच में सहयोग करने संबंधी नोटिस जारी किया गया। पता चला कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर खुलवाए गए बैंक खातों में यह रकम जमा कराई है। आगे की जांच में पुलिस ने बृहस्पतिवार को गौर सिटी, ग्रेटर नोएडा के रहने वाले रवि ढींगरा और पदम बस्ती, नागल सराय दिल्ली के निवासी हरपाल सिंह को गिरफ्तार किया है। जबकि, महिंद्रा एन्क्लेव, शास्त्री नगर, गाजियाबाद निवासी शिखा वर्मा, रवि ढींगरा की पत्नी सोनम ढींगरा, बुराड़ी उत्तरी दिल्ली निवासी वर्षा पंवार और दिल्ली के ककरोला, तारानगर निवासी मीनू शर्मा को नोटिस दिया है।

क्रिप्टो करेंसी यूएसडीटी से भेजते हैं रकम

आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह फर्जी तरीके से खुलवाए गए बैंक खातों में रकम जमा कराते हैं। इसके बाद बाइनेंस एप से यूएसडीटी (एक क्रिप्टो करेंसी) खरीदते हैं। विदेश में बैठे ठग उनसे यह यूएसडीटी ऊंचे दामों में खरीद लेते हैं। इससे मिला लाभ ठग आपस में बांट लेते हैं। आरोपियों के पास से मिले मोबाइल फोन में विदेशी ठगों से चैटिंग भी मिली है।


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