उत्तराखंड

नैनीताल में मनमोहन ने लिखी थी देश के विकास की पटकथा, स्थानीय भोजन ने मोहा था पूर्व पीएम का मन

भारत में आर्थिक सुधारों के जनक मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार रात को निधन हो गया। 2004 से 2014 तक वे प्रधानमंत्री रहे। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है।  कुमाऊं के नैनीताल से भी उनके विशेष यादें रही हैं। आइए आपको बताते हैं

वर्ष 2006 में 23-24 सितंबर को यहां कांग्रेस शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के राष्ट्रीय समागम में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विकास की पटकथा लिखी थी। इस समागम में 14 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ही कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए थे।

कांग्रेस की सत्ता वाले प्रदेशों के विकास और उन्हें दूसरे राज्यों के सामने आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने के लिए नीतिगत कार्ययोजना तैयार करना था। उस दौर में मनमोहन की लोकप्रियता अपने चरम पर थी। आसमानी रंग की पगड़ी में जब मनमोहन सिंह मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों से रू-ब-रू हुए तो उनका व्यक्तित्व सभी को सम्मोहित करने वाला था।

मीटिंग में संबंधित विषयों पर चर्चा हुई और मुख्यमंत्रियों के अनुभवों का आदान प्रदान भी हुआ। कार्यक्रम में पार्टी की मार्गदर्शक सोनिया गांधी भी आई थीं। उन्हें और मनमोहन सिंह को राजभवन में ठहराया गया था, जबकि अन्य मंत्री व मुख्यमंत्री नैनीताल क्लब और बलरामपुर हाउस में रुके थे।

समागम में ये हुए शामिल
राष्ट्रीय समागम में उत्तराखंड (तब उत्तरांचल) के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी, आंध्र प्रदेश के वाईएस राजशेखर रेड्डी, महाराष्ट्र के विलासराव देशमुख, दिल्ली की शीला दीक्षित, हिमाचल प्रदेश के वीरभद्र सिंह, हरियाणा के भूपिंदर सिंह हुड्डा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, पंजाब के अमरिंदर सिंह, केरल के ओमान चांडी, मणिपुर के ओकराम इबोबी, असम के तरुण गोगोई, कर्नाटक के धर्मसिंह, मेघालय के जेडी रिम्बाई, अरुणाचल प्रदेश के गेगांग अपांग, पुडुचेरी के एन रंगास्वामी शामिल थे। साथ ही पी चिदंबरम सहित कई केंद्रीय मंत्री भी समागम में शामिल हुए थे।

इंदिरा ह्रयदेश ने 15 दिन में कराई थी नैनीताल की कायापलट
उत्तराखंड के इतिहास में यह समागम सबसे बड़ा सरकारी और राजनीतिक कार्यक्रम था। प्रोटोकॉल के अनुरूप मनमोहन सिंह के लिए यहां प्रधानमंत्री कार्यालय और सोनिया गांधी के लिए भी पृथक कार्यालय स्थापित किया गया। तब उत्तरांचल की लोनिवि एवं सूचना मंत्री राज्य की कद्दावर और प्रभावशाली मंत्री थीं। समागम के लिए मात्र 15 दिन के भीतर उन्होंने नैनीताल में कार्यक्रम की जबरदस्त तैयारियां करवाईं। नैनीताल क्लब के शैले हॉल भवन का जीर्णोद्धार कराया, जहां समागम का कार्यक्रम हुआ। पूरे नैनीताल का सौंदर्यीकरण और हल्द्वानी नैनीताल मार्ग को चकाचक किया गया।

स्थानीय भोजन ने मन मोहा था मनमोहन का
तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी व अन्य अतिथियों को अधिकांश कुमाऊंनी व्यंजन परोसे गए थे। इन व्यंजनों ने मन मोह लिया था। इंदिरा हृदयेश ने सारे इंतजाम कुमाऊं के व्यवसायियों को सौंपे थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button