उत्तराखंड

सहकारिता समितियों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित, नैनीताल हाईकोर्ट ने धामी सरकार को दिया था ये आदेश

नैनीताल हाईकोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार को सहकारिता समितियों के चुनाव पुरानी नियमावली के अनुसार ही कराने के निर्देश दिए हैं।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने कोर्ट के अगले आदेशों तक के लिए सहकारिता समितियों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित कर दी है। इस बाबत प्राधिकरण की सदस्य सचिव रमिन्द्री मन्द्रवाल की ओर से आदेश जारी किया गया है। बता दें कि सोमवार को ही कई जिलों में सहकारी समितियों के चुनाव हुए थे। नैनीताल हाईकोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार को सहकारिता समितियों के चुनाव पुरानी नियमावली के अनुसार ही कराने के निर्देश दिए हैं। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

मामले के अनुसार, एकलपीठ के आदेश को सहकारी समिति ने विशेष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी। इसमें कहा गया था कि सहकारी समितियो का चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार ने जो संशोधन किए हैं उन्हें भी लागू किया जाए और उसी के अनुसार चुनाव कराए जाएं। इस पर आपत्ति जताते हुए भुवन पोखरिया व अन्य याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सहकारिता चुनाव पूर्व के नियमो के तहत ही कराए जाएं। 

कहा गया कि राज्य सरकार ने चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के बाद नियमावली को संशोधित किया है जो गलत है जबकि चुनाव कराने की प्रक्रिया दिसंबर से शुरू हो चुकी है। अब इस मामले में राज्य सरकार संशोधन करा रही है, जो नियम विरुद्ध है। राज्य सरकार ने इसमें संशोधन करके उन लोगों को वोट का अधिकार दे दिया है जो सेवानिवृत्त हैं या इस कमेटी के सदस्य नहीं हैं। नियम के मुताबिक लोग चुनाव में प्रतिभाग कर पाएंगे जो तीन साल से समिति के सदस्य हैं।

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