उत्तराखंड

सप्ताह भर बाद भी वाहनों की आवाजाही नहीं शुरू सिलाई बैंड के बीच हाईवे दुरुस्त करने की कोशिश

यमुनोत्री हाईवे पर आवाजाही शुरू न होने से मुश्किल बढ़ती जा रही है। प्रशासन ने यात्रा रूटों पर फंसे करीब 35 यात्रियों का सुरक्षित पैदल निकालकर बड़कोट रवाना कर दिया है।यमुनोत्री हाईवे पर सप्ताह भर बाद भी वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई, जिसके चलते यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ावों के साथ ही यमुनोत्री धाम में सन्नाटा पसरा हुआ है। स्थानीय लोगों को रोजमर्रा के काम निपटाने के लिए कई परेशानी के साथ आवाजाही करनी पड़ रही है।उधर सिलाई बैंड ओजरी के बीच हाईवे दुरुस्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बीते मंगलवार को यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड और ओजरी में यमुनोत्री के समीप पैदल आवाजाही शुरू होने के बाद धाम की यात्रा शुरू कर दी गई थी। लेकिन उसके तीसरे दिन भी धाम में मौसम की बाधा के कारण यात्रा बंद ही रही। वहीं दूसरी ओर प्रशासन ने यात्रा रूटों पर फंसे करीब 35 यात्रियों का सुरक्षित पैदल निकालकर बड़कोट रवाना कर दिया है।

850 से अधिक यात्री थे फंसे 
बीते शनिवार को यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड और ओजरी में बादल फटने और भूस्खलन होने के कारण यमुनोत्री धाम की यात्रा बंद हो गई थी। इस कारण पालीगाड से लेकर जानकीचट्टी तक करीब 850 से अधिक यात्री फंस गए थे। मंगलवार को पैदल आवाजाही शुरू होने के बाद फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकालकर बड़कोट की ओर भेजा गया। वहीं धाम की यात्रा को सुचारू कर दिया गया था।पहले दिन करीब 500 से 700 यात्रियों को पैदल आवाजाही करवाकर सुरक्षित वाहनों के माध्यम से बड़कोट भेजा गया। वहीं उसके बाद बुधवार को 250 यात्रियों को सुरक्षित भेजा गया। उसके बाद कुछ यात्री वहां पर वह फंसे हुए थे, जो कि अपने वाहनों से धाम की यात्रा पर आए थे। उनमें से भी बृहस्पतिवार सुबह करीब 35 यात्रियों को सुरक्षित बड़कोट भेजा गया।आपदा प्रबंधन विभाग की क्यूआरटी टीम ने यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं यमुनोत्री धाम की यात्रा में तीसरे दिन भी सन्नाटा पसरा रहा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसांई ने बताया कि यमुनोत्री रूट पर फंसे सभी यात्रियों को सुरक्षित निकालकर बड़कोट भेज दिया गया है। कुछ लोग अपने निजि वाहन के कारण रूके हैं। उनके लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गई हैं।


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