
स्वच्छता रैंकिंग में लालकुआं, रुद्रपुर, मसूरी छाए। लालकुआं को उभरते हुए स्वच्छ शहर की श्रेणी में राष्ट्रपति ने पुरस्कार दिया। पिछले वर्ष अवार्ड पाने वाले देहरादून व मुनिकीरेती की राज्य रैंकिंग गिरी। स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में राज्य के 107 में से 27 निकायों का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर सुधरा है। गंगा घाटों के मामले में ऋषिकेश के गंगा घाट सबसे साफ पाए गए हैं। शहरी विकास विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्ष की तुलना में इस बार छोटे निकायों जैसे नगर पालिका और नगर पंचायतों ने खूब अंक कमाए हैं। उनकी रैंकिंग में भी 2800 से अधिक तक का सुधार दर्ज किया गया है।50 हजार से तीन लाख आबादी वर्ग में देखें तो रुद्रपुर की रैंकिंग में 349, डोईवाला की रैंकिंग में 1219, पिथौरागढ़ में 2434, कोटद्वार में 73, ऋषिकेश में 55, रामनगर में 1913 का सुधार हुआ है। 20,000 से 50,000 आबादी वर्ग में मसूरी की रैंकिंग में 1172, मुनि-की-रेती में 627, टिहरी में 1770, लक्सर में 1031, सितारगंज में 2844, टनकपुर में 2869, अल्मोड़ा में 2334, बागेश्वर में 2502, बाजपुर में 2267 और नैनीताल में 776 का सुधार आया है।इसी प्रकार, 20,000 से कम आबादी वर्ग में लालकुआं की रैंकिंग में 1697, भीमताल की रैंकिंग में 2857, भवाली की 2738, चिन्यालीसौड़ की 2651, विकासनगर की 2173, बड़कोट की 2884, गुलरभोज की 1566, नरेंद्रनगर की 809, लोहाघाट की 1967 और भिकियासैंण की रैंकिंग में 1636 का सुधार दर्ज किया गया है। हल्द्वानी, हरिद्वार, काशीपुर, रुड़की का प्रदर्शन काफी कमतर रहा है।