उत्तराखंड

पहले चरण का मतदान शुरू, 26 लाख से अधिक मतदाता करेंगे वोटिंग

पहले चरण में आज सदस्य ग्राम पंचायत के 2247, प्रधान के 9731, सदस्य क्षेत्र पंचायत के 4980 और सदस्य जिला पंचायत के 871 प्रत्याशियों का चुनाव होगा।

श्रीनगर में चुनाव को लेकर उत्साह दिखा। ख़िरसू ब्लॉक के बलोडी बूथ पर अभी तक 52 वोट पड़ चुके हैं। वहीं, ग्राम सरणा की 95 साल की बुजुर्ग महिला झांपा देवी ने भी वोट डाला। 

चमोली जनपद के चार विकास खंडों में मतदान शुरू

चमोली जिले के चार विकासखंड ज्योतिर्मठ, देवाल, थराली और नारायणबगड़ में सुबह आठ बजे से विधिवत रुप से मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई है। मतदान में एक लाख चार हजार 715 मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जिसमें 232 ग्राम प्रधान, 91 क्षेत्र पंचायत सदस्य और नौ जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव होगा। इन चार विकासखंडों में सर्वाधिक मतदाता 29912 नारायणबगड़ में हैं। इसमें 14 हजार 290 महिलाएं और 15 हजार 622 पुरुष मतदाता शामिल हैं। ज्योतिर्मठ विकासखंड में 27054 मतदाता हैं, इसमें महिला मतदाता 13211 और पुरुष मतदाता 13843 हैं। थराली विकासखंड में 24 हजार 802 मतदाता हैं, इसमें महिला मतदाता 12 हजार 139 व पुरुष मतदाता 12663 हैं। सबसे कम मतदाता देवाल विकासखंड में हैं। यहां पर 22 हजार 947 मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 11050 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 11897 है। इन चार विकासखंडों में 1789 मतदाता 80 वर्ष की आयु से अधिक वाले हैं, जबकि 447 दिव्यांग मतदाता हैं। समाज कल्याण विभाग की ओर से 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं की मदद के लिए आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एनसीसी, एनएसएस के स्वंय सेवक तैनात किए गए हैं। सड़क वाले क्षेत्रों में इन मतदाताओं के लिए वाहनों की व्यवस्था रहेगी।

उत्तराखंड में पहले चरण का पंचायत चुनाव शुरू हो गया है। गढ़वाल मंडल के छह जिलों के 26 और कुमाऊं मंडल के छह जिलों के 23 विकासखंडों में पहले चरण का मतदान होगा।

मतदान प्रतिशत 70 फीसदी से ऊपर रहने की उम्मीद

राज्य निर्वाचन आयोग को इस बार भी पंचायत चुनाव में 70 फीसदी से अधिक मतदान की उम्मीद है। अक्तूबर 2019 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 69.59 प्रतिशत मतदान हुआ था। पिछले चुनाव की बात करें तो 12 जिलों में सबसे अधिक मतदान ऊधमसिंह नगर और सबसे कम मतदान अल्मोड़ा जिले में हुआ था। गढ़वाल मंडल में उत्तरकाशी मतदाता में सबसे आगे था। ऊधमसिंह नगर में करीब 84.26 प्रतिशत मतदान हुआ था। उत्तरकाशी में 78.43 प्रतिशत हुआ था। अल्मोड़ा में 60.04 प्रतिशत, चंपावत में 67.82, नैनीताल में 75.07, पिथौरागढ़ में 65.54, बागेश्वर में 63.99 प्रतिशत मतदान हुआ था। गढ़वाल मंडल में चमोली में 65.65, टिहरी में 61.19, देहरादून में 77.54, पौड़ी में 61.79 और रुद्रप्रयाग में 62.98 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार मतदाताओं की संख्या में करीब पांच लाख का इजाफा हुआ है। माना जा रहा है कि मतदान प्रतिशत भी बढ़कर 70 से 75 प्रतिशत हो सकता है।

पंचायत चुनाव पर मुख्यमंत्री की अपील

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पंचायतें ग्रामीण विकास की आधारशिला हैं। इन चुनावों में प्रत्येक मतदाता की सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। लोकतंत्र की मजबूती मतदाता की जागरूकता और सहभागिता पर निर्भर करती है। त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं का संचालन होता है। मतदाताओं, विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों से अपील है कि वे अधिकाधिक संख्या में मतदान केंद्रों तक पहुंचकर लोकतंत्र को सशक्त बनाएं। प्रत्येक मतदाता का एक-एक वोट राज्य के भविष्य को गढ़ने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ तैनात

मानसून को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने जरूरत के हिसाब से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ की तैनाती की गई है। आपदा की दृष्टिगत संवेदनशील बूथों पर पोलिंग पार्टियों के साथ इन टीमों को भी लगाया गया है।

इन विकासखंडों में आज होगा मतदान

अल्मोड़ा के ताकुला, धौलादेवी, ताड़ीखेत, भैंसियाछाना, लमगड़ा और चौखुटिया। ऊधमसिंह नगर के खटीमा, सितारगंज, गदरपुर व बाजपुर। चंपावत के लोहाघाट एवं पाटी। पिथौरागढ़ के धारचूला, डीडीहाट, मुनस्यारी और कनालीछीना। नैनीताल के बेतालघाट, ओखलकांडा, रामगढ़ और धारी। बागेश्वर के बागेश्वर, गरुड़ और कपकोट। उत्तरकाशी के मोरी, पुरोला व नौगांव। चमोली के देवाल, थराली, ज्योतिर्मठ व नारायणबगड़। टिहरी गढ़वाल के जौनपुर, प्रतापनगर, जाखणीधार, थौलधार व भिलंगना। देहरादून के चकराता, कालसी व विकासनगर। पौड़ी गढ़वाल के खिर्सू, पाबौ, थलीसैंण, नैनीडांडा, बीरोंखाल, रिखणीखाल, एकेश्वर व पोखड़ा और रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ, जखोली व अगस्त्यमुनि।

25 दस्तावेज से दे सकेंगे वोट

आधार कार्ड, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (ईपीसी कार्ड), पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, राज्य, केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय या अन्य निजी औद्योगिक घरानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले सेवा पहचान पत्र, बैंक या डाकघर की पासबुक, राशन कार्ड, भूमि-भवन रजिस्ट्रीकृत दास्तावेज, भवन कर बिल, छात्र पहचान पत्र, लाइब्रेरी कार्ड, समक्ष अधिकारी की ओर से जारी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र, शस्त्र लाइसेंस, पेंशन दस्तावेज, पेंशन अदायगी दस्तावेज, भूतपूर्व सैनिक विधवा, आश्रित प्रमाणपत्र, रेलवे या बस पास, दिव्यांग प्रमाणपत्र, स्वतंत्रता सेनानी पहचानपत्र, टेलीफोन बिल, पानी या बिजली का बिल, दुकान पंजीकरण पत्र, गैस कनेक्शन किताब, अन्नपूर्णा योजना कार्ड, परिवहन प्राधिकारियों की ओर से जारी संवाहक लाइसेंस, परिवार रजिस्ट्रर के यथा सत्यापित उद्वरण, निवास प्रमाणपत्र, राज्य पुलिस की ओर से बस्तियों में जारी पहचानपत्र एवं विधानसभा की भांति लेखपाल, संबंधित ग्राम में तैनात अध्यापक को निर्वाचक की पहचान हेतु आयोग की ओर से अधिकृत किया जाता है।

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