उत्तराखंड

यूपीसीएल कराएगा प्रमुख तीर्थ स्थलों, भीड़ वाली जगहों का सेफ्टी ऑडिट, निर्देश जारी

यूपीसीएल ने प्रमुख तीर्थ स्थलों, भीड़ वाली जगहों के सेफ्टी ऑडिट के लिए सभी विद्युत वितरण खंडों को निर्देश जारी किए।

करंट हादसों से सुरक्षा के मद्देनजर यूपीसीएल अब सभी प्रमुख तीर्थस्थलों, पर्यटन स्थलों, मेला स्थलों का सेफ्टी ऑडिट कराएगा। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने सोमवार को सभी मुख्य अभियंताओं को इस संबंध में निर्देश जारी किए।

यह निर्णय वर्तमान में प्रदेश के प्रमुख तीर्थस्थलों, पर्यटन स्थलों, नगरों, कस्बों एवं मेले, उत्सव स्थलों पर अत्यधिक जनसमूह की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। ताकि आम जनता को सुरक्षित, निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। प्रबंध निदेशक ने सभी मुख्य अभियंता (वितरण) गढ़वाल, हरिद्वार, कुमाऊं व रुद्रपुर जोन को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अधीनस्थ वितरण मंडलों व खंडों में आने वाले संवेदनशील स्थानों, ऐसे स्थान जहां सार्वजनिक आवागमन अपेक्षाकृत अधिक है, वहां प्राथमिकता के आधार पर विद्युत सुरक्षा ऑडिट सुनिश्चित करेंगे।

प्रबंधन निदेशक ने यह भी निर्देश दिए कि समस्त अधीक्षण अभियंता (वितरण) अपने-अपने क्षेत्रों की विद्युत सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर उसे शीघ्र निदेशक (परिचालन) को प्रस्तुत करें। ताकि इसे उच्च स्तर पर संज्ञान लेकर आवश्यकतानुसार त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने बताया कि यूपीसीएल का यह कदम पूरी तरह से जनहित में उठाया गया है। जिससे किसी भी प्रकार की विद्युत जनित दुर्घटना की संभावना को कम किया जा सके। यह ऑडिट न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा बल्कि यात्राओं व पर्यटन गतिविधियों के दौरान विद्युत व्यवस्था की गुणवत्ता व विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगा।

सेफ्टी ऑडिट के लिए ये दिए निर्देश

– सभी मुख्य अभियंता (वितरण) अपने अधीनस्थ समस्त वितरण मंडलों, खंडों में विद्युत सुरक्षा ऑडिट उच्च अधिकारियों के सुपरविजन में तकनीकी टीम द्वारा क्षेत्रीय निरीक्षण के माध्यम से किया जाए।

– निरीक्षण के दौरान खुले या लटके हुए तारों की स्थिति, जर्जर या असुरक्षित वायरिंग, ढीले पड़ चुके विद्युत कनेक्शन, खंभों व अन्य विद्युत उपकरणों की अर्थिंग की स्थिति, खुले डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स (डीबी), जंक्शन बॉक्स की पहचान, ट्रांसफार्मरों, एलटी पैनल्स की स्थिति, शॉर्ट सर्किट की संभावनाओं वाले बिंदुओं की पहचान पर विशेष फोकस करना होगा।

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