उत्तराखंड

पल भर में बह गई वर्षों की मेहनत से बनाई संपत्ति, हर्षिल सेना कैंप को हुआ अधिक नुकसान

धराली में आई बाढ़ से कई लोगों की पुश्तैनी संपत्तियां तबाह हो गईं। होटल और रेस्टोरेंट चलाने वाले लोगों की वर्षों की मेहनत मलबे में बह गई।

उत्तरकाशी जिले में आई आपदा ने धराली और हर्षिल दोनों ही क्षेत्रों में भारी नुकसान पहुंचाया है। धराली गांव में खीरगंगा नदी में आए सैलाब से लोगों की वर्षों की मेहनत से बनाई गई संपत्ति पल भर में मलबे के नीचे दब गई, वहीं हर्षिल में तेलगाड में बादल फटने से सेना का कैंप भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

धराली में आई बाढ़ से कई लोगों की पुश्तैनी संपत्तियां तबाह हो गईं। होटल और रेस्टोरेंट चलाने वाले लोगों की वर्षों की मेहनत मलबे में बह गई। कई लोग तो लीज पर होटल और रेस्टोरेंट चलाते थे। इसके अलावा ग्रामीणों के पुश्तैनी सेब के बागान भी कई हेक्टेयर में नष्ट हो गए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसाईं के अनुसार वीडियो के आधार पर धराली में करीब 25 से 30 लोग लापता हैं और लगभग 20 से 25 होटल व दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं।

हर्षिल में सेना के कैंप को भारी नुकसान

धराली के साथ-साथ हर्षिल में भी तेलगाड में बादल फटा है जिससे सेना के कैंप को बहुत नुकसान पहुंचा है। मलबे की चपेट में आने से सेना की चौकियां और कुछ बंकर दब गए हैं। हालांकि जवानों के हताहत होने की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

बिजली आपूर्ति ठप
इस आपदा के कारण मनेरी से आगे की विद्युत लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। इसकी वजह से भटवाड़ी, हर्षिल और गंगोत्री क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। प्रशासन नुकसान का आकलन कर राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।

हर्षिल में सेना के कैंप को भारी नुकसान धराली के साथ-साथ हर्षिल में भी तेलगाड में बादल फटा है जिससे सेना के कैंप को बहुत नुकसान पहुंचा है। मलबे की चपेट में आने से सेना की चौकियां और कुछ बंकर दब गए हैं। हालांकि जवानों के हताहत होने की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बिजली आपूर्ति ठप इस आपदा के कारण मनेरी से आगे की विद्युत लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। इसकी वजह से भटवाड़ी, हर्षिल और गंगोत्री क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। प्रशासन नुकसान का आकलन कर राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।

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