
फतेहपुर में कल का दिन तनाव और अफरा-तफरी से भरा रहा। सदियों पुराने एक मकबरे को तोड़ने की कोशिश में उपद्रवी भीड़ इकट्ठा हुई, तो हालात काबू में लाने की जिम्मेदारी जिले के एसपी पर आ गई। घटनास्थल पर मौजूदगी और हालात को संभालने की कोशिश के बावजूद, एसपी की बेबसी साफ दिखाई दी। वहीं, कुछ स्थानीय युवाओं का आरोप है कि उन्होंने तत्काल सपा के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को मदद के लिए फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस पूरे मामले ने प्रशासन की चुनौतियों और राजनीतिक चुप्पी दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रिपोर्टर ओमपाल कश्यप