
हर्षिल में एयरटेल, जीओ, बीएसएनएल की मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल कर दी गई है। हर्षिल में माइक्रो हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना में विद्युत उत्पादन बहाल होने के साथ ही पावर हाउस तक बिजली आ रही है।
धराली में राहत-बचाव दलों का खोज, बचाव अभियान जारी रहा। धराली में एनडीआरएफ के कंट्रोल रूम के साथ इंसीडेंट कमांड पोस्ट स्थापित हो गई है। आपदा प्रभावित क्षेत्र को इंसीडेंट कमांडर ने सेक्टर में बांट दिया है। वहीं, अब तक आपदा प्रभावित क्षेत्र से करीब 1300 लोगों को निकाला जा चुका है। प्रशासन का मानना है कि फंसे हुए करीब सभी लोगों को निकाल लिया गया है।
इसमें सेक्टर-ए की जिम्मेदारी एनडीआरएफ, सेक्टर-बी की जिम्मेदारी सेना, सेक्टर-सी की जिम्मेदारी एसडीआरएफ, सेक्टर-डी की जिम्मेदारी आईटीबीपी को सौंपी गई है। रोड सेक्टर की जिम्मेदारी लोनिवि, बीआरओ तथा बीजीबी रुड़की को सौंपी गई है। सोमवार कासे 635 पैकेट सूखे राशन के भेजे गए हैं।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि हर्षिल में एयरटेल, जीओ, बीएसएनएल की मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल कर दी गई है। हर्षिल में माइक्रो हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना में विद्युत उत्पादन बहाल होने के साथ ही पावर हाउस तक बिजली आ रही है। मौके पर एनडीआरएफ के छह तथा एसडीआरएफ के चार ड्रोन से निगरानी की जा रहा है। वहीं, मौसम खराब होन के कारण यूकाडा के हेलिकाप्टर उड़ान नहीं भी सके हैं।
एनजीआरआई के इंजीनियर जीपीआर के साथ जुटे
सचिव सुमन ने बताया कि एनजीआरआई के पांच इंजीनियरों ने जीपीआर के साथ धराली में कार्य शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार प्रभावित क्षेत्र में धराली में पांच जेसीबी, तीन एस्कवेटर, दो डोजर, 10 टिप्पर से खोज एवं बचाव अभियान संचालित किया जा रहा है। मौके पर एक जनरेटर उपलब्ध है। एनडीआरएफ द्वारा एक विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, चार लाइव डिटेक्टर, एक एक्सो थर्मल कटिंग डिवाइस का प्रयोग किया जा रहा है।
सचिव सुमन ने बताया बताया कि हर्षिल में भागीरथी में बनी झील के जल निकासी के लिए यूजेवीएनएल तथा सिंचाई विभाग की टीम भेजी गई है। सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष सुभाष कुमार ने बताया कि श्रमिक और इंजीनियरों को भेजा गया है। यह दल पहुंच गया है। झील से मैनुअल मलबा हटाकर जल निकासी को बेहतर करने का प्रयास करेगा। दल के साथ सुरक्षा से जुड़े संसाधनों को साथ में भेजा गया है।