
बेहट, उत्तर प्रदेश: तहसील बेहट के प्राचीन और धार्मिक स्थल जौधेबास सिद्धपीठ हनुमान मंदिर ने हमेशा से ही श्रद्धालुओं को अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और चमत्कारों के लिए आकर्षित किया है। हाल ही में मंदिर में पधारे महात्मा सुरेश मुनि जी ने मंदिर के इतिहास और महत्व पर अपने विचार साझा किए।
सुरेश मुनि जी ने कहा कि यह मंदिर सदियों पुराना है और यहाँ के हनुमानजी की विशेष कृपा हर भक्त पर दृष्टि बनकर रहती है। उन्होंने मंदिर की प्राचीन मूर्तियों, धार्मिक अनुष्ठानों और स्थानिक इतिहास के बारे में विस्तार से बताया। मुनि जी ने कहा, “जौधेबास सिद्धपीठ हनुमान मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक भी है।”
भक्तों और स्थानीय लोगों ने मुनि जी के वक्तव्य को बड़ी श्रद्धा और ध्यान से सुना। उनका मानना है कि इस प्रकार के मंदिर हमारी संस्कृति और धार्मिक पहचान को जीवित रखते हैं और आने वाली पीढ़ियों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
मुनि जी के अनुसार, मंदिर में समय-समय पर आयोजित होने वाले विशेष अनुष्ठान और हनुमान चालीसा पाठ भक्तों के लिए मानसिक शांति और आध्यात्मिक अनुभव का स्रोत बनते हैं।
रिपोर्टर ओमपाल कश्यप