प्रदेश के 21 सरकारी विभागों में एक साल में 227 करोड़ 66 लाख रुपये की वित्तीय गड़बड़ियां हुई हैं। वहीं, नौ संस्थाओं में भी 120.99 करोड़ की अनियमितताएं पकड़ में आई हैं। सदन पटल पर रखी गई वित्तीय वर्ष 2017-18 की ऑडिट रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। समाज कल्याण विभाग 129.39 करोड़ के साथ अनियमिताओं में पहले पायदान पर है। लोक निर्माण विभाग में 24.43 करोड़, बाल विकास विभाग में 42.32 करोड़, सिंचाई विभाग में 11.31 करोड़ की गड़बड़ियां सामने आईं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 4.74 करोड़, वाणिज्य कर में 5.61 करोड़, वन विभाग में 1.27 करोड़, लघु सिंचाई विभाग में 3.27 करोड़, उद्यान विभाग में 4.14 करोड़ की अनियमितताएं पकड़ीं गईं।
नगर पालिकाओं में सबसे ज्यादा अनियमितताएं
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की नौ संस्थाओं में 120 करोड़ 99 लाख की वित्तीय अनियमितताएं पकड़ में आई हैं। इनमें से नगर पालिकाओं में सर्वाधिक 62.13 करोड़, ग्राम पंचायतों में 29.10 करोड़, नगर निगमों में 11.48 करोड़ की गड़बड़ियां शामिल हैं। इसके अलावा, प्राधिकरणों में 2.35 करोड़, विश्वविद्यालयों में 1.66 करोड़, कृषि मंडियों में 1.14 करोड़, नगर पंचायतों में 3.59 करोड़, जिला पंचायतों में 4.69 करोड़, क्षेत्र पंचायतों में 4.80 करोड़ की अनियमितताएं पकड़ी गई हैं।