उत्तराखंड

सालों से बन रहे कागजों में प्लान, अब तक नहीं जलभराव का समाधान,

आईएसबीटी में जलभराव से निदान के लिए कई बार प्लान बन चुके हैं, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। दो माह पहले खुद मुख्यमंत्री ने भी आईएसबीटी का निरीक्षण कर जलभराव से निपटने का प्लान बनाने के लिए कहा, लेकिन हालत जस के तस बने हुए हैं।

समस्या से निजात के लिए यहां एनएच की ओर से नाला निर्माण किया गया, लेकिन पानी के फ्लो के हिसाब से वह नाकाफी है। इसके अलावा भी जलनिकासी के लिए कई प्रयोग हो चुके हैं, लेकिन एक भी प्रयोग सफल नहीं हो पाया है। दो माह पहले जलभराव के दौरान खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईएसबीटी का दौरा किया था। उन्होंने अधिकारियों को यहां ड्रेनेज के लिए पुख्ता प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। आज तक न तो प्लान तैयार हुआ न इस पर काम। आईएसबीटी में जलभराव का स्थायी समाधान केवल यहां चारों तरफ नाला चौड़ा करना है। इस काम में कई अड़चने आ रही हैं।

जलभराव के स्थायी समाधान के लिए पिटकुल के छोर पर नाला चौड़ा करना पड़ेगा। लेकिन यहां से पिटकुल की बिजली की अंडर ग्राउंड लाइनें जा रही हैं। इसे हटाने के लिए पिटकुल ने 14 करोड़ की मांग की है। इसके साथ ही जलसंस्थान का सीवर लाइन भी शिफ्ट करना है। इसके लिए प्रस्ताव किया जा रहा है। -दीपक गुप्ता, अधिशासी अभियंता एनएच दून डिवीजन

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