रिलायंस ज्वेल्स डकैती कांड के आरोपी बदमाशों के दो मददगारों को दून पुलिस बिहार से ट्रांजिट रिमांड पर शहर लेकर आ गई है। इससे पहले बिहार की हाजीपुर कोर्ट से दोनों का ट्रांजिट रिमांड लिया। बता दें कि इन दोनों बदमाशों ने डकैती को अंजाम देने वाले बदमाशों को मोबाइल फोन, मोटरसाइकिल और रुपये मुहैया कराए थे। दोनों बदमाशों का दून में पुलिस कस्टडी रिमांड हालिस करने के बाद पूछताछ शुरू करेगी।
गत नौ नवंबर को पांच सशस्त्र बदमाशों ने राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेल्स शोरूम में डकैती डाली थी। शुरुआत में ही साफ हो गया था कि यह काम बिहार की नालंदा गैंग का है, जिसने इसी साल में देशभर के अलग-अलग राज्यों में रिलायंस ज्वेल्स के शोरूम में डकैतियां डाली हैं। इस बीच पुलिस कप्तान अजय सिंह की अगुवाई में बिहार के वैशाली पहुंच गई। यहां से अमृत कुमार और विशाल कुमार नाम के दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया। पता चला कि इन बदमाशों ने घटना करने वाले बदमाशों के खातों में रुपये जमा कराए हैं।
बताया कि इसके साथ ही जब-जब उन्हें जिस चीज की आवश्यकता होती थी वह भी उन्हें मुहैया कराया जाता था। इनमें मोटरसाइकिल, मोबाइल फोन और अन्य वस्तुएं शामिल हैं। दोनों बदमाशों को पुलिस ने स्थानीय कोर्ट में पेश किया था। इसके बाद इन्हें जेल में दाखिल कर दिया गया। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि दोनों बदमाशों का हाजीपुर कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड लिया गया है। पुलिस टीम दोनों को लेकर बिहार से देहरादून शुक्रवार शाम ले आई। इनसे देहरादून में पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ की जाएगी।
एक महीने से ज्यादा रुके रेकी करने के लिए
पुलिस के अनुसार बदमाशों ने यहां पर लंबे समय रुककर रेकी की थी। इसके लिए सेलाकुई क्षेत्र में एक कमरा भी लिया गया था। इस मामले में विस्तृत जानकारी देहरादून पहुंचने वाले बदमाशों से मिल पाएगी। जिन आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज का प्रयोग किया गया था वह सब फर्जी पाए गए हैं। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बदमाशों के संबंध में कई जानकारियां जेल में बंद सरगना सुबोध से भी मिली हैं। फिलहाल, फरार बदमाशों को पकड़ने के लिए 22 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम लगाई गई हैं। इनमें कुछ सीसीटीवी कैमरे और कुछ इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस पर काम कर रही हैं। दिल्ली, बिहार, महाराष्ट्र आदि जगहों पर भी पुलिस टीम मौजूद हैं।
पैसे ट्रांसफर करने को खोले गए फर्जी दस्तावेज पर खाते
बिहार का यह गैंग पूरी तरह से फर्जीवाड़ा करने में भी माहिर है। जिस तरह साइबर ठग फर्जी दस्तावेज पर खोले गए खातों का प्रयोग करते हैं उसी तरह इनके खातों के बारे में भी जानकारी मिली है। अमृत के ऊपर जिम्मा लूट करने वाले बदमाशों को पैसे भेजने का होता था। इसके लिए उसने दर्जनों बैंक खाते फर्जी दस्तावेज पर खोले हुए थे। इन्हीं के माध्यम से बदमाशों को पैसे भेजे जाते थे। इन सब बैंक खातों की भी पुलिस जांच कर रही है। पता चला है कि खातों के असल मालिकों का इस रकम का एक या दो प्रतिशत हिस्सा दिया जाता था ताकि भविष्य में वह भी इनके बारे में कोई सवाल न उठा सकें।
यह था मामला
नौ नवंबर को राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेल्स में बदमाश कर्मचारियों और कुछ ग्राहकों को बंधक बनाकर करीब 20 करोड़ रुपये के सोने और हीरे के जेवरात ले गए थे। हालांकि, रिलायंस के अधिकारियों ने लूटे गए माल की कीमत 14 करोड़ रुपये आंकी थी। बदमाशों के पीछे पुलिस की एक दर्जन से अधिक टीम लगाई गई हैं।