उत्तराखंड

चुनावी बॉन्ड्स एंट्री में धांधली का आरोप, कांग्रेस का दावा- दान देने वालों से ज्यादा लेने वाले

चुनाव आयोग द्वारा जो आंकड़े सार्वजनिक किए गए हैं, उनमें बॉन्ड खरीदने वाले और इन बॉन्ड को भुनाने वालों के तो नाम हैं, लेकिन यह पता नहीं चलता कि किसने यह पैसा किस पार्टी को दिया?

चुनाव आयोग ने गुरुवार को इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए। कांग्रेस ने इन आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं और इलेक्टोरल बॉन्ड्स की एंट्री में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस नेता अमिताभ दुबे ने आरोप लगाया कि दान देने वाले दानदाताओं और दान लेने वाली पार्टियों की एंट्री में गड़बड़ी है। अमिताभ दुबे के दावे के बाद कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी आंकड़ों पर सवाल उठाए और एसबीआई बैंक और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा। 

कांग्रेस नेताओं ने उठाए ये सवाल
कांग्रेस के संचार विभाग के रिसर्च और मॉनिटरिंग शाखा के प्रभारी अमिताभ दुबे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया। इस पोस्ट में कांग्रेस नेता लिखा कि ‘इलेक्टोरल बॉन्ड योजना साल 2017 में शुरू की गई थी, लेकिन जो आंकड़े पेश किए गए हैं, वह अप्रैल 2019 से हैं। आंकड़ों में दानदाताओं की 18,871 एंट्री है, वहीं दान लेने वालों की एंट्री की संख्या 20,421 है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और चुनाव आयोग ये अनियमितता क्यों है?’

अमिताभ दुबे की इस पोस्ट को कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने भी रि-पोस्ट किया है और एंट्री की गड़बड़ी पर सवाल उठाए। मणिकम टैगोर ने पोस्ट में लिखा कि मुझे नहीं लगता कि ये एक संयोग है। 

इस मुद्दे पर भी नाराजगी
चुनाव आयोग द्वारा जो आंकड़े सार्वजनिक किए गए हैं, उनमें बॉन्ड खरीदने वाले और इन बॉन्ड को भुनाने वालों के तो नाम हैं, लेकिन यह पता नहीं चलता कि किसने यह पैसा किस पार्टी को दिया? इलेक्टोरल बॉन्ड के खिलाफ याचिका दायर करने वाले एडीआर के वकील प्रशांत भूषण ने भी इस बात को उठाया है। इस मुद्दे को लेकर एडीआर फिर से सुप्रीम कोर्ट जा सकता है। 

क्या है चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए आंकड़ों में
चुनाव आयोग ने गुरुवार को इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया है। जो आंकड़ा सार्वजनिक किया गया है, उसमें 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक का डाटा है। सूची में खुलासा हुआ है कि लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने सबसे ज्यादा 1368 करोड़ रुपये का दान दिया है। फ्यूचर गेमिंग कंपनी के अलावा मेघा इंजीनियरिंग, क्विक सप्लाई चेन, वेदांता लिमिटेड, हल्दिया एनर्जी, भारती ग्रुप, एस्सेल माइनिंग, पश्चिम यूपी पावर कॉर्पोरेशन, केवेंटर फूड पार्क और मदनलाल लिमिटेड नामक कंपनियों ने सबसे ज्यादा कीमत के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। भाजपा को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए सबसे ज्यादा चंदा 6,060 करोड़ रुपये का चंदा मिला। भाजपा के बाद टीएमसी को 1609 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 1421 करोड़ रुपये, बीआरएस को 1214 करोड़ रुपये, बीजद को 775 करोड़ रुपये और डीएमके को 639 करोड़ रुपये का चंदा मिला। 

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