
उत्तराखंड में जंगलों की आग इतनी भीषण हो चुकी है कि नैनीताल में एयरफोर्स की एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी तो रविवार को एनडीआरएफ की 41 सदस्यीय टुकड़ी भी मैदान में उतार दी गई. बावजूद इसके जंगल लगातार धधक रहे हैं.
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत धस्माना ने प्रेस वार्ता कर बताया कि प्रदेश में पिछले साल की तुलना में इस बार अभी तक पांच गुना ज्यादा वन अग्नि की घटनाएं घटित हो चुकी है। आपदा प्रबंधन की स्थिति यही है कि शहर के बीचो-बीच में भी आज जीने की घटनाएं घटित हो जाती है और आपदा प्रबंधन मूक दर्शक बना रहता है हमारे प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री और सिस्टम के द्वारा आगजनी की घटना को रोकने के लिए तमाम दावे किए जा रहे हैं उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा की सरकार क्यों नहीं पहले से तैयारी करके रखती है यह तैयारी सितंबर अक्टूबर से शुरू हो जाना चाहिए और अभी तो अप्रैल का गर्मी का मौसम शुरू ही हुआ है यदि अभी यह हालत है तो जून जुलाई में आगजनी पर लगाम लगा पाना मुश्किल हो जाएगा