उत्तराखंड

 सोमवार को 20 जगह धधके जंगल, वन विभाग ने अब मोर्चे पर उतारे अधिकारी

जंगलों की आग की राज्य में अब तक 930 घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे 1,196 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल चुका है।

उत्तराखंड में जंगल की आग बेकाबू हो गई है। गढ़वाल से कुमाऊं तक सोमवार को 20 जगह जंगल धधके, जिससे 52 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र जल गया। गढ़वाल में सबसे अधिक 10 और कुमाऊं में नौ घटनाएं हुई हैं।

आग पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ के साथ ही एयरफोर्स की मदद ली जा रही है। हेलिकॉप्टर से दो राउंड में लगभग पांच हजार लीटर पानी का छिड़काव किया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया, हेलिकॉप्टर से आग बुझाने का अभियान जारी रहेगा। वहीं, कृत्रिम बारिश के लिए तकनीकी संस्थाओं को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

जंगलों की आग की राज्य में अब तक 930 घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे 1,196 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल चुका है। सबसे अधिक 491 घटनाएं कुमाऊं और 365 घटनाएं गढ़वाल में हुईं, जबकि 74 मामले वन्य जीव क्षेत्र के हैं। बेकाबू हो चुकी आग से अब तक पांच लोगों की मौत और चार लोग झुलस चुके हैं। वन विभाग के अफसरों के मुताबिक, संवेदनशील जिलों में जरूरत पड़ने पर पुलिस, पीएसी, होमगार्ड और पीआरडी के जवानों की भी मदद ली जाएगी।

कहा, महिला और युवक मंगल दलों के साथ ही स्वयं सेवी संस्थाओं को भी आग बुझाने में फायर वाचर के रूप में सहयोग लिया जाएगा। जंगलों में आग की रोकथाम के लिए खरपतवार और कूड़ा जलाने पर भी रोक लगा दी गई है। जंगलों में आग लगाने वालों से सख्ती से निपटा जा रहा है। अब तक 383 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें 315 अज्ञात और 60 नामजद लोग शामिल हैं।

यहां धधके जंगल
प्रदेश में भूमि संरक्षण रानीखेत वन प्रभाग में एक, बागेश्वर वन प्रभाग में चार, तराई केंद्रीय व प्रभाग में एक, रामनगर वन प्रभाग में तीन, मसूरी वन प्रभाग में तीन, चकराता वन प्रभाग में एक, लैंसडोन वन प्रभाग में एक, भूमि संरक्षण लैंसडोन वन प्रभाग में दो, भूमि संरक्षण अलकनंदा वन प्रभाग में एक, राजाजी टाइगर रिजर्व में आग की एक एवं दो अन्य घटनाएं हुई है।

वन विभाग ने अब मोर्चे पर उतारे अधिकारी
प्रदेश के जंगलों में आग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद वन विभाग ने वरिष्ठ अधिकारियों को मोर्चे पर उतार दिया है। प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन ने आदेश जारी कर आग की रोकथाम के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों का नोडल अधिकारी नामित किया है।

प्रमुख वन संरक्षक प्रशासन बीपी गुप्ता को नैनीताल, प्रमुख वन संरक्षक पर्यावरण एवं जलवायु डाॅ. कपिल कुमार जोशी को अल्मोड़ा, प्रमुख वन संरक्षक जीएस पांडे को बागेश्वर, प्रमुख वन संरक्षक आरके मिश्र को उत्तरकाशी, अपर प्रमुख वन संरक्षक परियोजनाएं कपिल लाल को टिहरी, अपर प्रमुख वन संरक्षक डाॅ. विवेक पांडे को चमोली एवं रुद्रप्रयाग, मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत डाॅ. पराग मधुकर धकाते को हरिद्वार एवं देहरादून का नोडल अधिकारी बनाया गया।

इसी तरह मुख्य वन संरक्षक एवं निदेशक वानिकी प्रशिक्षण अकादमी तेजस्वनी पाटिल को ऊधमसिंह नगर व चंपावत, मुख्य वन संरक्षक अनुश्रवण, मूल्यांकन राहुल को पौड़ी गढ़वाल, मुख्य वन संरक्षक कार्ययोजना हल्द्वानी संजीव चतुर्वेदी को पिथौरागढ़ जिले का नोडल अधिकारी बनाया गया है। आदेश में कहा गया कि संबंधित अधिकारी जिलों में स्थित वन प्रभागों में आग की घटनाओं की रोकथाम एवं निगरानी के लिए समन्वय करते हुए कार्रवाई करेंगे। कहा, आग की रोकथाम के लिए जिन अधिकारियों की ओर से लापरवाही की जा रही, उनके नाम भी वन मुख्यालय को भेजें।

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