
इस संबंध में मसूरी रेलवे आउट एजेंसी के सुपरवाइजर पंकज वर्मा ने बताया कि उनको रेलवे बोर्ड ने आउट एजेंसी को बंद करने का आदेश दिया है। मसूरी भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने कहा कि एजेंसी 1942 से संचालित हो रही है, जिसका लाभ मसूरी आने वाले लाखों पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को मिल रहा है। दीपक सक्सेना ने बताया कि यहां आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों को रेलवे टिकट बुक करने के लिए दून जाना पड़ेगा।
उत्तर रेलवे की आउट एजेंसी को रेलवे बोर्ड ने बंद करने का आदेश दिया है। आजादी से पूर्व यहां स्थापित की गई इस एजेंसी को बंद करने के बाद से मसूरी आने वाले पर्यटकों को जहां देहरादून टिकट कराने के लिए जाना पड़ेगा, वहीं स्थानीय लोगों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। एजेंसी को बंद करने के लिए आदेश जारी हो गए हैं और पांच दिन के अंदर एजेंसी बोरिया बिस्तर यहां से समेट लेगी।
मसूरी के इंद्रमणी बडोनी चौक के पास मालरोड में स्थित ब्रिटिश काल की रेलवे आउट एजेंसी अब कुछ ही दिनों की मेहमान है। अंग्रेजों ने 1942 में लोगों की सुविधा के लिए मसूरी में रेलवे आउट एजेंसी को खोला था, लेकिन एजेंसी को बंद करने के लिए रेलवे बोर्ड ने इस साल 16 जून को आदेश जारी किया है। एजेंसी के बंद होने से मसूरी आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, मसूरी रेलवे आउट एजेंसी की कोरोना काल के वर्ष 2021 के अप्रैल में 83,980 रुपये की आय हुई थी, जबकि मई में 25,930, जून में 25,150, जुलाई में 2,63,540, अगस्त में 2,92,015, सितंबर में 3,37,055, अक्तूबर में 5,74,940, नवंबर में 4,19,800 और दिसंबर में 4,47,055 रुपये की आय हुई थी।