उत्तराखंड

आज बाबा बर्फानी के दर्शन करेगा पहला जत्था, त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में रहे भक्त

बम-बम भोले के जयघोष के साथ शनिवार को भक्तों को बाबा बर्फानी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। शनिवार सुबह दोनों रूटों से पवित्र गुफा के लिए पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों से तीर्थ यात्री प्रस्थान करेंगे।

बम-बम भोले के जयघोष के साथ शनिवार को भक्तों को बाबा बर्फानी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। शनिवार सुबह दोनों रूटों से पवित्र गुफा के लिए पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों से तीर्थ यात्री प्रस्थान करेंगे। शुक्रवार सुबह जम्मू से बम-बम भोले और जय बाबा बर्फानी के जयघोष लगाते हुए त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बीच 4603 श्रद्धालु कश्मीर के लिए रवाना हुए, जो देर शाम काजीगुंड की नवयुग टनल से होते हुए बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों में पहुंचे। इससे पहले उधमपुर के टिकरी के काली माता मंदिर में जत्थे का पहला स्वागत किया गया। देश भर से आए शिव भक्तों में भारी उत्साह देखा जा रहा है।

आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से शुक्रवार सुबह 5:25 बजे श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन एवं उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच झंडी दिखाकर पहले जत्थे को रवाना किया। इसमें तीर्थयात्रियों के साथ साधु-संत भी शामिल थे। एलजी ने तीर्थयात्रियों को सुरक्षित, धन्य और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। कहा, बाबा अमरनाथ का आशीर्वाद सभी के जीवन में शांति, खुशी और समृद्धि लाए। इस दौरान भाजपा नेता देवेंद्र सिंह राणा, पूर्व मेयर राजेंद्र सिंह, महंत रामेश्वर दास, धार्मिक संगठनों के जनप्रतिनिधि, नागरिक प्रशासन, पुलिस, सुरक्षा बल, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

हर तीर्थयात्री के लिए आरएफआईडी कार्ड अनिवार्य
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक यात्री के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) कार्ड अनिवार्य है। इसके बिना किसी भी यात्री को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं है। दक्षिण कश्मीर में पहलगाम के नुनवान रूट से पवित्र गुफा की दूरी 32 किलोमीटर और मध्य कश्मीर में गांदरबल के बालटाल मार्ग से यह दूरी 14 किलोमीटर है। बालटाल रूट से जाने वाले यात्री एक दिन में दर्शन करके लौट आते हैं और अधिकांश यात्री इसी रूट को प्राथमिकता देते हैं। इस बीच बालटाल व पहलगाम नुनवान बेस कैंप तक पहुंचने के दौरान यात्रा रूट पर जोरदार स्वागत किया गया। बालटाल और नुनवान बेस कैंप में भी श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन कर पूरे माहौल को शिवमय बना दिया। इस बार यात्रा 52 दिन तक चलेगी। 19 अगस्त तक भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे।

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