
कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसोनी जी ने कहा कि यह कभी न खत्म होने वाला सिलसिला दिखाई पड़ रहा है अगर अभी भी कानून व्यवस्था मुस्तैद नहीं भी अभी भी नीति नियंताओं यह समझ में नहीं आ रहा है कि कुछ न कुछ बहुत बड़ा गड़बड़ है समाज में डर भय रसूख क्यों खत्म हो रहा है पुलिस प्रशासन का क्यों जगह जगह से क्राइम की रिपोर्ट्स आ रही है अभी हम रुद्रपुर की
राय दी कि जो किशोरी है उसके गैंग रेप और
इसे हाथों से उबरे भी नहीं थे कि हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल से किशोरी के साथ दुष्कर्म के प्रयास की खबरें आ रही है उसके अलावा पिथौरागढ़ में चौकीदार के द्वारा एक नवीं क्लास में पढ़ने वाली बच्ची के साथ छेड़खानी और
लोहे के डंडे से पिटाई की खबरें आ रही है उधर एक वनकर्मी के साथ शराब पीकर युवक उन्हें मार पिटाई कर दी तो कहीं न कहीं ऐसा लग रहा है कि नजीर पेश नहीं हो रही में यहां पर एक बड़ी बात देना चाहती हूं कि कोलकाता में पर सीबीआई जांच हो सकती है महिला डॉक्टर भी बलात्कारों मॉडल की उत्तराखंड में
क्यों नहीं हो सकती उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड हो गया उत्तराखंड की जनता चीखो पुकार करती रहेगी की सीबीआई जांच हो पूरे मामले की नहीं कराई सरकार ने अब आप कम से कम होगी उनकी नजर आए आईएसबीटी मामले में तो सीबीआई जांच कराओ और सुनने में यह भी आया है कि बंगाल में जो है वो राष्ट्रपति शासन लगाने
की तैयारी केंद्र सरकार कर रहा है अगर बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाना है तो फिर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कोई रामराज्य नहीं चल रहा है यहा और बुरी से बुरी हालत है मैंने गूगल किया सुबह और एनसीआरबी का डेटा देखा2023.2022 का डेटा कहता है कि उत्तर प्रदेश महिला के लिए सुरक्षित नंबर वन है और सबसे सुरक्षित कोलकाता है लेकिन सबसे सुरक्षित कोलकाता में भी अगर इस तरह की वीभत्स घटना हो गई
जस्टिफाई नहीं कर रहे हैं ये हुई और निश्चित रूप से चूक हुई है इस पर व्यापक विमर्श होना चाहिए इस पर बात होनी चाहिए अगर सत्तर साल बाद आजादी के बाद भी हम क्यों इस तरह के जंजाल में फंसे हुए हैं क्यों महिलाएं सुरक्षित नहीं महसूस कर रही है अपनी तो छोडिये अपनी बच्चियों का सोचकर दिल दहल जाता है