कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसोनी जी का कहना है कि प्रेस वार्ता हम भी सुनना चाहते हैं कि हमारा सत्तारूढ़ दल आखिर क्या सोचता है मुख्य विपक्षी दल की महिलाओं के साथ जो व्यवहार कल हुआ है पुलिस प्रशासन के द्वारा यह मैं बार बार कह रही हूं हमारी पुलिस ऐसी थी ही नहीं कहीं न कहीं से कुछ तो माइन चेंज किया गया है कुछ न कुछ इशारा हमारे पुलिस प्रसान को मिला है जो रुद्रपुर में हमारी महिला अध्यक्ष के साथ हुआ वह नाकाबिले बर्दाश्त उस महिला अध्यक्ष को एक गुड्डे गुड़िया की तरह आप फुटबॉल की तरह खेलते रहे उसके साथ आपने ना उसके पद का ध्यान रखा उसके महिला होने का ध्यान रखा क्या सुरक्षा दोगे महिलाओं को तो हम तो
सुनना चाहते हैं कि प्रेस वार्ता में आखिर है क्या कहने के लिए भाजपा के पास क्योंकि सत्तारूढ़ दल के लोगों की जिस तरह से महिला अपराधों में संलिप्त हो गई है और बाढ़ आ गई है और आज इतनी बुरी गत भाजपा की हो गई है कि उसके इतने दिग्गज नेता दुग्ध संघ के अध्यक्ष को लाल को आगे दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही है उसकी
संपत्ति की कुर्की को करनी पड़ रही है उसको भगोड़ा घोषित करना पड़ रहा है उस पर इनाम रखना पड़ रहा है तो अपना आत्म अवलोकन करें भाजपा की कगार पर भाजपा पहुंची कैसे यह अहंकार है यह सत्ता का मद है जिसने आपके नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक खुली छूट एक खुला संदेश दिया कि तुम्हारा जो मन है वह करो और हम तुम्हें
बचाएंगे हम तुम्हें संरक्षण देंगे प्रज्वल रवन्ना कुलदीप सेंगर ब्रजभूषण सिंह चिन्मयानंद स्वामी राम दुलार गौर से ये तमाम नेता हैं पुलकित आलिया को देख लीजिए दो साल से हम फास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग कर रहे दो साल से हम सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं अंकिता भंडारी के में कलकत्ता में तुरंत सीबीआई जांच हो सकती है उत्तराखंड में क्यों नहीं
उत्तराखंड की बेटी के साथ जो अनाचार दुराचार हुआ उसने कई माताओं पिताओं को झकझोर में पर मजबूर कर दिया आज अपनी बच्ची को बाहर काम में भेजते समय या बस में बैठा पर समय आईएसबीटी काम याद आता है अंकिता भंडारी कांडी आता याद आता है आज माता पिता का भरोसा उठ गया है उत्तराखंड शासन प्रशासन से
अपनी बेटियों को नहीं भेजना चाह रहा कहीं भी कोई खुले तो प्रेस वार्ता तो हम भी सुनना चाहते हैं निश्चित रूप से सुनना चाहते हैं और शर्म आनी चाहिए जो कल तक कृत्य रहा है पुलिस प्रशासन का भाजपा की सरकार का महिला आंदोलन पर आप चाहते हैं कि आप मारे और कोई हुए बिना
रिपोर्टर: लक्ष्मण प्रकाश