उत्तराखंड

आसान हुआ बेटियों के लिए उच्च शिक्षा का सपना, 

उत्तराखंड में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों के लिए उच्च शिक्षा का सपना पूरा करने में अब औपचारिकताओं का अवरोध खत्म हो गया। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने आवेदन की दिक्कतों को देखते हुए पुराने प्रारूप पर आवेदन स्वीकार किए जाने के निर्देश विभागीय सचिव को दिए हैं। 

उत्तराखंड में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों के लिए उच्च शिक्षा का सपना पूरा करने में अब औपचारिकताओं का अवरोध खत्म हो गया। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने आवेदन की दिक्कतों को देखते हुए पुराने प्रारूप पर आवेदन स्वीकार किए जाने के निर्देश विभागीय सचिव को दिए हैं। 

प्रदेश की बेटियों को उच्च शिक्षा हासिल करने में मदद करने के लिए  करीब एक दशक पर गौरा देवी योजना शुरू की गई थी। पहले योजना के तहत 25 हजार रुपये दिए जाते थे। कई बार संशोधन के बाद अब इंटर पास करने वाली बेटियों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए 51 हजार रुपये दिए जाते हैं। लेकिन अब सरकार की ओर से नए फॉरमेट का आवेदन मांगा गया।

आवेदन के नए प्रारूप में ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा जॉब कार्ड का नंबर, जॉब कार्ड से तीन साल में पाए गए रोजगार का विवरण, आवेदन करने वाली बेटी के परिवार के लोगों के बैंकों के तीन साल का स्टेटमेंट, खाते नंबर, कृषि भूमि, वाहनों का विवरण, पक्का या कच्चा मकान, कक्षों की संख्या, एरिया और इनका  वर्तमान मूल्य की जानकारी देनी थी। पानी और बिजली के तीन महीने के बिलों की प्रति, सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना में परिवार की स्थिति के विवरण का प्रमाणपत्र आदि भी लगाने थे। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button