
बेहट, सहारनपुर। सहारनपुर में स्मैक का फैलता कारोबार एक गंभीर सामाजिक संकट बन गया है, जिससे स्थानीय जनता बुरी तरह प्रभावित हो रही है। यह खतरनाक नशा व्यक्ति के जीवन को ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार को बर्बादी की ओर धकेल देता है। ऐसे में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस अवैध कारोबार पर सख्त कार्रवाई करें। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों को भी आगे आकर इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। वीडियो में जिन व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं, जैसे अमजद कुरैशी, जहीर खिड़का, जाबिर कुरैशी, खलील खिड़का, सददन और इलियास खिड़का—उनके खिलाफ पुलिस को निष्पक्ष जांच कर सख्त कानूनी कदम उठाने चाहिए। इस प्रकार के मामलों में गैंगस्टर एक्ट, उत्तर प्रदेश पुलिस नियमावली, और अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें अपराधियों को 5 से 10 साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है। समाज में सुव्यवस्था बनाए रखने, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने और अपराधों पर नियंत्रण हेतु नियम और अधिनियमों की अहम भूमिका होती है। इनका पालन हर नागरिक और प्रशासन की जिम्मेदारी है। स्मैक जैसे जहरीले नशे से समाज को बचाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।

रिपोर्टर ओमपाल कश्यप