
शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत 3900 प्राइवेट स्कूलों में कोटे की 25 प्रतिशत सीटों पर 90 हजार छात्र-छात्राएं हैं। आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूल कई वर्षों से फीस बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
उत्तराखंड में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 90 हजार छात्र-छात्राओं की फीस (प्रतिपूर्ति) के लिए विभाग ने नया फॉर्मूला तैयार किया है। इसमें हर महीने अधिकतम 1893 रुपये फीस तय की गई है। नया फॉर्मूला न बनता तो यह फीस 4200 रुपये होती।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत 3900 प्राइवेट स्कूलों में कोटे की 25 प्रतिशत सीटों पर 90 हजार छात्र-छात्राएं हैं। आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूल कई वर्षों से फीस बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। प्राइवेट स्कूल इस मसले को लेकर हाईकोर्ट तक पहुंचे। इसके बाद विभाग ने कई राज्यों में लागू व्यवस्था का अध्ययन किया। विभाग ने आरटीई नियमावली 2011 के अनुसार फीस तय की तो पता चला कि फीस 4200 रुपये बन रही है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की घटती संख्या और शिक्षकों के बढ़ते वेतन की वजह से इतनी फीस बन रही थी।