तीन साल से रोडवेज श्रीनगर गढ़वाल डिपो की नौ बसें बिना फिटनेस की संचालित हो रही थी। एआरटीओ कोटद्वार ने बस के कागजों की जांच की तो मामला पकड़ में आया। इन बसों का टैक्स भी जमा नहीं था। अब रोडवेज ने इन बसों को फिटनेस के लिए भेजा है। डिपो की अन्य रूटों पर जाने वाली बसों को रोडवेज वर्कशॉप ऋषिकेश में खड़ा कर दिया गया है।
श्रीनगर गढ़वाल डिपो ऋषिकेश डिपो के अधीन संचालित होता है। श्रीनगर गढ़वाल डिपो के एजीएम का चार्ज भी ऋषिकेश डिपो के एजीएम पीके भारती के पास है। डिपो की नौ बसों की फिटनेस 2019 में की जानी थी। जो नहीं की गई। तीन साल तक बसें रोड पर फर्राटा भरती रही, लेकिन रोडवेज अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जब एआरटीओ कोटद्वार ने दुगड्डा में श्रीनगर डिपो की रोडवेज की बस को चेक किया। तब जानकारी मिली कि बस तीन साल से बिना फिटनेस और बिना टैक्स जमा किए हुए संचालित हो रही थी। जब रोडवेज अधिकारियों ने श्रीनगर डिपो की अन्य बसों के कागजात चेक किए तो पता चला कि अन्य आठ बसें भी बिना फिटनेस और बिना टैक्स जमा किए हुए संचालित हो रही हैं।
रोडवेज अधिकारियों ने आनन-फानन में श्रीनगर डिपो की बसें को रूट से रोककर ऋषिकेश रोडवेज वर्कशॉप में फिटनेस के लिए तैयार कर देहरादून भेज दिया। अन्य बसों को रोडवेज वर्कशॉप में खड़ा कर दिया गया है। जिन रूटों पर श्रीनगर गढ़वाल डिपो की बस संचालित होती थी उन रूटों पर ऋषिकेश डिपो की बसों को भेजा जा रहा है।
उपनल कर्मचारी के भरोसे चल रहा श्रीनगर गढ़वाल डिपो
– आज भले ही रोडवेज श्रीनगर गढ़वाल डिपो की नौ बसें बिना फिटनेस के संचालित होने की बात सामने आ गई हो। लेकिन श्रीनगर में डिपो नाममात्र का डिपो है। यहां जिस कर्मचारी को कैशियर, व्यवस्थापक अन्य काम सौंपा गया है वह उपनल कर्मचारी है। जबकि यह काम किसी स्थाई कर्मचारी को दिया जाना चाहिए था।