उत्तराखंड

तीर्थयात्रियों के लिए राहत भरी खबर, मुख्‍यमंत्री धामी ने कहा – चारधाम यात्रा के लिए संख्या का निर्धारण नहीं

चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या तय करने संबंधी शासन के आदेश के बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि यात्रियों की संख्या का कोई निर्धारण नहीं किया गया है।गंगोत्री पहुंचे मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि यात्रियों की संख्या अधिक बढ़ती है तो इस बारे में विचार किया जा सकता है। उधर, पर्यटन व धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारों धामों की धारण क्षमता के दृष्टिगत भीड़ प्रबंधन के उद्देश्य से दर्शनार्थियों की संख्या तय की गई है।शासन ने बीती 30 अप्रैल को चारधाम यात्रा के मद्देनजर आदेश जारी किया। इसमें यमुनोत्री धाम में चार हजार, गंगोत्री में सात हजार, केदारनाथ में 12 हजार और बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन दर्शन को 15 हजार श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की गई। इसे लेकर तीर्थ पुरोहितों व पर्यटन व्यवसायियों के बीच से विरोध के सुर भी उठे।मंगलवार को गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के अवसर पर वहां पहुंचे मुख्यमंत्री धामी ने मीडिया से बातचीत में शासन द्वारा जारी आदेश को लेकर अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि इस बार यात्रा ऐतिहासिक होगी। यात्रियों की संख्या के सभी रिकार्ड टूटेंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही इसके संकेत मिलने लगे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि चारधाम यात्रा सुगम, सरल हो। तीर्थ पुरोहितों से भी बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों की आवाजाही पर कोई रोक-टोक नहीं है। वह चाहते हैं कि यात्रियों को कोई परेशानी न हो। तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री में भूमि बंदोबस्त कराने, मुखवा-जांगला मार्ग का निर्माण कराने और गंगोत्री में हेलीपैड की मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखी।

उधर, पर्यटन व धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा शुरू होने पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यात्रा के कुशल संचालन को सरकार ने सभी तरह व्यवस्था की हैं। उन्होंने कहा कि चारों धामों की धारण क्षमता के संबंध में संबंधित जिलों से रिपोर्ट ली गई। इसके आधार पर ही दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या तय की गई। ये व्यवस्था प्रतिदिन धामों में भीतर दर्शन के लिए है। उन्होंने कहा कि यदि भीड़ अधिक बढ़ती तो इसी हिसाब से कदम उठाए जाएंगे।

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