उत्तराखंड की पंचम विधानसभा के अध्यक्ष पद पर कोटद्वार से भाजपा विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण निर्विरोध चुन ली गईं। शनिवार को सदन में प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत ने उनके विधिवत निर्वाचन की घोषणा की। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ ही सत्तापक्ष और विपक्ष के वरिष्ठ विधायकों ने खंडूड़ी को अध्यक्ष पीठ पर आसीन कराया। उत्तराखंड विधानसभा की वह पहली महिला अध्यक्ष हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की पुत्री ऋतु ने कहा कि यह उनके लिए गौरवपूर्ण क्षण होने के साथ ही चुनौतीपूर्ण भी है। उन्होंने कहा कि वह अपनी संपूर्ण क्षमता से उच्च से उच्च संसदीय आदर्शों व परंपराओं का निर्वहन करने का प्रयास करेंगी। उन्होंने सदन के संचालन में सभी सदस्यों से सहयोग की अपील की।
विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया गुरुवार को प्रारंभ हुई। पहले दिन भाजपा विधायक खंडूड़ी ने मुख्यमंत्री धामी और उसके मंत्रिमंडल के सदस्यों की उपस्थिति में 16 सेट में नामांकन दाखिल किया। शुक्रवार को नामांकन के अंतिम दिन अन्य किसी प्रत्याशी ने नामांकन पत्र नहीं भरा। इससे खंडूड़ी के निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ हो गया था। विपक्ष की ओर से पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि वह अपना उम्मीदवार इस पद के लिए नहीं उतारेगा।
शनिवार को निर्वाचन प्रक्रिया के अंतिम दौर में विधानसभा के सभामंडप में प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत ने विधानसभा अध्यक्ष पद पर ऋतु खंडूड़ी के निर्वाचन की घोषणा की। भगत ने खंडूड़ी को शुभकामनाएं दीं। साथ ही राज्य गठन के बाद से अब तक के विधानसभा अध्यक्षों और प्रोटेम स्पीकर के कार्यकाल को याद किया। उन्होंने कहा कि खंडूड़ी भी संसदीय परंपराओं के उच्च मानदंड स्थापित करेंगी।
इसके बाद खंडूड़ी को मुख्यमंत्री धामी, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सतपाल महाराज, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा व चंदन रामदास, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मंत्री यशपाल आर्य समेत सत्तापक्ष व विपक्ष के वरिष्ठ विधायक अध्यक्ष पीठ तक ले गए।
नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सदन नेे इतिहास रचा है और हम सब इतिहास से जुड़ गए। 21 वर्ष पूर्ण कर चुका उत्तराखंड अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगा। उन्होंने अध्यक्ष चुने जाने को राज्य की मातृशक्ति का सम्मान बताया और राज्यवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को भी याद किया। उन्होंने नए विधायकों से सदन में विभिन्न विषयों पर होने वाली स्वस्थ चर्चाओं में भाग लेने का आह्वान भी किया।
मुख्यमंत्री धामी ने खंडूड़ी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है। राज्य ने अपनी स्थापना के 22वें वर्ष में इतिहास रचा है। उन्होंने राज्य गठन में मातृशक्ति के योगदान को भी याद किया। उन्होंने प्रोटेम स्पीकर भगत की सराहना करते हुए अपेक्षा की कि उनका मार्गदर्शन निरंतर मिलता रहेगा। साथ ही यह भी अपेक्षा की कि सभी वरिष्ठों का सानिध्य और आशीर्वाद युवा विधायकों को मिलेगा।