पुलिस द्वारा वर्ष 2014 के दौरान तीन युवकों पर गैंगस्टर एक्ट की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था गैंगस्टर एक्ट की विशेष अदालत ने सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए तमाम गवाहों और सबूतों को नाकाफी ठहराते हुए 3 आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया। साथी आरोपितों को बंध पत्र व जमानत में रखी गई जमीनों को भी दायित्व मुक्त कर दिया है। वर्ष 2014 के दौरान पुलिस ने तीनों युवकों रुपेश त्यागी पुत्र तेजपाल सुधीर पुत्र विजेंदर और इमरान पुत्र बुंदू को उत्तर प्रदेश गिरोह बंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर अदालत में पेश किया था साथ ही इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कहीं गवाह एवं साक्ष्य पेश किए गए। आज सुनवाई के दौरान वादी प्रतिवादी के अधिवक्ताओं की बहस शुरू हुई आरोपियों के अधिवक्ता विनोद सागर ने अदालत में अपने तर्क के समर्थन में न्याय दृष्टांत पप्पू प्रति उत्तराखंड राज्य फौजदारी अपील संख्या 15 वर्ष 2020 के निर्णय जनवरी 2021 को पेश किया।
वादी प्रतिवादी वकीलों के तर्क वितर्क को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश चंद्र मणिराज ने अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता की दलीलों को सिरे से नकारते हुए गैंगस्टर की संगीन धाराओं के आरोपितों को बाइज्जत बरी कर दिया। साथ ही आरोपितों के बंद पत्रों एवं जमानत पर रखी गई जमीनों को दायित्व मुक्त करने के आदेश जारी कर दिए।