उत्तराखंड

फसल को खेतों में नष्ट करने पर विचार कर रहे किसान

कृषि उत्पादन मंडी समिति में धनिया का खरीद मूल्य गिरकर सात रुपये प्रति किलो पर आ गया है। हरा धनिया के दाम में आई इस गिरावट ने किसानों की मुश्किल बढ़ा दी है। एक महीने पहले तक हरा धनिया से अच्छी आय कमा रहे किसानों के सामने अब फसल को मंडी तक लाने का किराया निकालना भी मुश्किल हो गया है।

क्षेत्र के धनिया उत्पादक किसानों के सामने फसल में लगाई गई लागत निकालना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। जुलाई माह में 60 से 80 रुपये तक बिक रहा किसानों का हरा धनिया अगस्त के महीने में सात रुपये प्रति किलो पर आ गया है। बताते चलें कि साहिया क्षेत्र में किसान व्यापक स्तर पर हरा धनिया की खेती करते हैं। कुछ क्षेत्रों में जुलाई माह में कटाई की जाती है लेकिन अधिकतर क्षेत्रों में अगस्त माह में ही खेतों से फसल को निकालकर मंडी भेजा जाता है।

मौजूदा समय में फसल का मूल्य बेहद कम होने से किसानों को मेहनत का पैसा भी वापस नहीं मिल रहा है। किसान माया सिंह तोमर, नारायण सिंह, दीवान सिंह, भोपाल राठौर का कहना है कि खेत से निकालने की मेहनत व मंडी तक ले जाने का भाड़ा धनिया बेचकर मिलने वाले पैसे से बेहद ज्यादा बैठ रहा है। ऐसे में वह फसल को निकालने के बजाए खेतों में ही नष्ट कर देने पर विचार कर रहे हैं।

उधर मंडी समिति के अध्यक्ष जगमोहन सिंह चौहान का कहना है कि कई राज्यों से हरा धनिया मंडी में आ रहा है, जिसके कारण इस प्रकार की स्थिति पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के नुकसान को लेकर सरकार से बात की जाएगी।

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