
रंजीता रंजन के बयान पर कांग्रेस मुख्य प्रतियोगिता गरिमा दसोनी जी ने कहा कि उत्तराखंड जैसे संवेदनशील राज्य की भौगोलिक और जहां कोई भी विकास कार्य का खामियाजा आम जन को या पहाड़ों को झेलना पड़ता है वहां बिना एक्सपर्ट्स की राय मशविरे के आप कोई प्रोजेक्ट को हरी झंडी ऐसे ही नहीं दे सकते सिर्फ आपकी महत्वाकांक्षा के लिए
लिए या वोटों की राजनीति के लिए कोई भी कार्य करने से पहले हमें दस बार सोचना होगा आज अगर हम देहरादून की बात करें जगह जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं आज से दो साल बाद देहरादून की जो तस्वीर है वह पूरी तरह से बदल जाएगी आप चारों तरफ अपने नजर घुमाकर देखिए जिस तरह के
गगनचुंबी इमारत यहां बन रही है वो बिल्कुल उत्तराखंड के लिए मुफीद नहीं है और तो और में यह कहना चाहूंगी कि संवेदनशीलता जो आठ के आठ सांसदों में लिखनी चाहिए आज यहां से लोकसभा सांसद पंद्रह साल से चुने जा रहे हैं यहां तीन राज्यसभा सांसद है यहां नगर निगम देहरादून अगर हम बात करें
तो पंद्रह साल से उस पर भाजपा का कब्जा है लेकिन हमारी स्थिति बद से बदतर होती चली जा रही है यह आठ सांसद जो उत्तराखंड जिताकर भेजे हैं और दस सालों से लगातार जो है प्रचंड बहुमत की सरकार यहां पर भाजपा की बनती जा रही है सत्रह से बाईस तक इनको सत्तावन का बहुमत दिया बाईस से सत्ताईस तक के लिए को सैंतालीस का बहुमत
दे दिया लेकिन इन्होंने उत्तराखंड के साथ कैसा व्यवहार किया कि आज ये लोकसभा या राज्यसभा हो यह जुबान खोलने को तैयार नहीं है कि उत्तराखंड के मुसीबत झेल रहा है और किस तरह से आपदा से उसको दो चार होना पड़ रहा है साथ ही साथ छत्तीसगढ़ की हमारी जो सांसद रंजीता रंजन गोगोई
संजीदगी के साथ इतनी खूबसूरती के साथ यहां के चाहे वनाग्नि हो या का चाहे पेड़ों का कटान हो यहाँ का चाहे आपदा का मर्जर और सबकुछ सदन के सामने ब्लैक एंड वाइट में रखने का काम करती है तो जब छत्तीसगढ़ किसान सभा के अंदर इतनी संवेदनशीलता उत्तराखंड और हिमाचल के लिए है