न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने डीडीए को निर्देश दिया कि वह जैन को चार सप्ताह के भीतर उस दर पर फ्लैट प्रदान करे जो वर्ष 1996 में फ्लैट के आवंटन की तारीख पर प्रचलित थी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद 45 साल पहले दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) में फ्लैट के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को अब फ्लैट मिलने के आसार बन गए हैं। अदालत ने डीडीए को चार सप्ताह में फ्लैट का कब्जा देने का निर्देश दिया है। ईश्वर चंद जैन ने 3 अक्तूबर, 1979 को डीडीए की नई पैटर्न पंजीकरण (एनपीआर) योजना के तहत एलआईजी फ्लैट के लिए आवेदन किया था।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने डीडीए को निर्देश दिया कि वह जैन को चार सप्ताह के भीतर उस दर पर फ्लैट प्रदान करे जो वर्ष 1996 में फ्लैट के आवंटन की तारीख पर प्रचलित थी। कोर्ट ने कहा कि अधिकांश दिल्लीवासियों का सपना है कि उनके नाम पर शहर में एक संपत्ति हो और डीडीए द्वारा जैन को समय पर फ्लैट उपलब्ध कराने में विफलता दुर्भावनापूर्ण, मनमाना और कदाचार के समान है।
उधर, डीडीए ने तर्क रखा कि याचिकाकर्ता की मुख्य फाइल उनके रिकॉर्ड में नहीं मिल रही है इसलिए डीडीए यह कहने में असमर्थ है कि डिमांड सह आवंटन पत्र (डीएएल) किस तारीख को जारी किया गया था, सिवाय इस बयान के कि डीएएल जारी किया गया था। इसके अलावा याचिकाकर्ता को उसके पते पर एक डीएएल जारी किया गया था, लेकिन वह मांगी गई राशि का भुगतान करने में विफल रहा।