केदारनाथ धाम के जाने लिए जंगलचट्टी के पास क्षतिग्रस्त हुए पैदल मार्ग के अस्थाई वैकल्पिक मार्ग को तैयार करने के बाद वापस आ रहे पैदल यात्रियों को सुरक्षित पार कराये जाने का सिलसिला हुआ प्रारम्भ
केवल वापस आने वाले श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधार पर निकाले जाने की प्रक्रिया है जारी
देर रात्रि को गौरीकुण्ड से केदारनाथ धाम तक जाने वाला पैदल मार्ग स्थान जंगल चट्टी के पास भू-धंसाव के चलते तकरीबन 10 से 15 मीटर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था।
आज प्रातःकाल से ही केदारनाथ धाम सहित बीच के पड़ावों से वापस आ रहे यात्रियों के कदम इस स्थल पर पहुंचकर थम गए थे। इन यात्रियों को इस स्थान से सुरक्षित पार कराए जाने हेतु मुख्य पैदल मार्ग के दोनों छोरों से जंगल के लगभग 100 मीटर घुमावदार रास्ते का चुनाव करते हुए व इसे चलने योग्य बनाते हुए सुरक्षा बलों (स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ) की उपस्थिति में सुरक्षित ढंग से पार करवाया जा रहा है। आज अब तक लगभग 5 हजार यात्री इस स्थल से सुरक्षित गौरीकुण्ड की तरफ को पार हो गए हैं, शेष यात्रियों को पार कराया जा रहा है।
मार्ग को चलने योग्य बनाए जाने में सम्बन्धित कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी व उनके मजदूरों का सराहनीय योगदान रहा है। इसके अतिरिक्त भू-धंसाव से प्रभावित हुए इस मार्ग के कोने वाले छोर की मैनुअल कटिंग करते हुए व सपोर्टिंग दीवार देकर इसे भी चलने व घोड़ा-खच्चर की आवाजाही के योग्य बनाया जा रहा है।
यहां की स्थिति को देखते हुए आज सोनप्रयाग व गौरीकुण्ड से किसी भी पैदल यात्री को ऊपर केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर नहीं भेजा गया है।
इस मार्ग पर पूर्ण आवाजाही की सम्भावना के दृष्टिगत स्थानीय स्तर पर आवश्यक निर्णय कल प्रातःकाल लिया जाएगा, जिस सम्बन्ध में जानकारी अलग से दी जाएगी।
रिपोर्टर :लक्ष्मण प्रकाश