उत्तराखंड

किसी के माथे का सिंदूर उजड़ा तो किसी का भाई चल बसा…बराथ गांव में एक साथ जलीं कई चिताएं

बराथ गांव के सभी घरों में मातम व सन्नाटा पसरा हुआ है। अल्मोड़ा बस हादसे में मृत धुमाकोट के 10 और अल्मोड़ा की सल्ट तहसील के एक व्यक्ति समेत कुल 11 मृतकों का अंतिम संस्कार सल्ड महादेव स्थित घाट पर सामूहिक रूप से किया गया।अल्मोड़ा मर्चूला बस हादसे में बराथ मल्ला गांव के लोगों की सबसे ज्यादा 6 मौतें हुई हैं। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। गांव में किसी ने अपने माता-पिता को खो दिया तो किसी ने बेटा और बेटी। किसी के माथे का सिंदूर उजड़ गया तो किसी का भाई इस दुनिया से चल बसा।मंगलवार को भी इस गांव में चूल्हे नहीं जले। बस में गांव के 16 लोग रामनगर जाने को सवार हुए थे। अमर उजाला की टीम जब बराथ गांव पहुंची तो सभी घरों में मातम व सन्नाटा पसरा हुआ था। हादसे में राकेश ध्यानी, उनकी बेटी मानसी की मौत हो गई। राकेश बराथ गांव में चक्की चलाते थे और एकमात्र कमाने वाले थे। उनकी बेटी मानसी काशीपुर में पढ़ती थी।मर्चूला बस हादसे में मृत धुमाकोट के 10 और अल्मोड़ा की सल्ट तहसील के एक व्यक्ति समेत कुल 11 मृतकों का अंतिम संस्कार सल्ड महादेव स्थित घाट पर सामूहिक रूप से किया गया। इस हादसे में पौड़ी जिले के धुमाकोट और आसपास के क्षेत्र के 30 लोगों ने जान गवाईं है। एक साथ 11 चिताएं जलते देख हर किसी की आंख नम हो गई।

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